इतिहास में 2 नवम्बर 2025 की तारीख स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गयी। भारत की महिला क्रिकेट टीम ने विश्वकप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका की टीम को 52 रनो से परास्त कर भारत को महिला क्रिकेट में विश्वविजेता होने का गौरव दिलाया है। दरअसल भारत की महिला क्रिकेट टीम को यह गौरव श्रेष्ट प्रदर्शन, उच्चतम खेल भावनाओं एवं सयुंक्त प्रयासों से प्राप्त हुआ है। महिला क्रिकेट खिलाड़ियों की इस उपलब्धि ने देशवासियों में उत्साह का संचार किया है। विश्व कप विजेता भारत की महिला क्रिकेट टीम ने इस खेल के तीनो क्षेत्रों बेटिंग, बालिग़ और फील्डिंग में बेहतर प्रदर्शन से शक्तिशाली दक्षिण अफ्रीका की टीम को पराजित कर विश्व विजेता बनने का सौभाग्य अर्जित किया। यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट टीम के सामूहिक प्रयासों, आपसी समन्वय एवं एकता की जीत है। महिला क्रिकेट टीम का विश्व विजेता होना महिला क्रिकेट के प्रति आकर्षण को बढ़ाएगा। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 1983, 2011 के बाद वर्ष 2025 क्रिकेट इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया।
महिला विश्वकप महिला क्रिकेट का सबसे बड़ा आयोजन होता है। जिसमे क्रिकेट खेल रहे अधिकांश देशों की टीम हिस्सा लेती है। 2025 आइसीसी महिला विश्व कप में कुल 8 देशों की टीम ने भाग लिया जिसमें वर्ष 2022 की विजेता ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान तथा मेजबान भारत एवं श्रीलंका की टीम शामिल रही। 30 सितम्बर से 2 नवम्बर तक चले आईसीसी महिला विश्वकप में दुनियाँ का ध्यान भारतीय महिला टीम पर जब गया तब भारत ने सेमीफायनल में विश्वविजेता ऑस्ट्रेलिया को पराजित कर एक और आस्ट्रेलिया को 2025 विश्वकप दौड़ से बाहर किया दूसरी और विश्व विजेता टीम को पराजित कर यह जता दिया की इंडिया की महिला टीम फाइनल में प्रवेश कर गयी और विश्वकप जितने के लिए एक मैच दूर है जो 2 नवम्बर 2025 को नवी मुंबई के डिवाई पाटिल स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका से खेला जाना है।
भारत ने विश्व चेम्पीयन आस्ट्रेलिया को सेमिफ़ाइनल में पराजित कर जो संकेत दिए थै इबारत उसके अनुकूल ही लिखी गयी। टीम की बल्लेबाजी शुरू में मजबूत मध्य में थोड़ी कमजोर और अंत में संघर्ष पूर्ण टोटल तक पहुंच गयी। फायनल का दबाव जितना भारत पर था, उससे कई अधिक दक्षिण अफ्रीका की महिलाओ पर भी था। भारतीय टीम टास हारकर 50 ओवर में 298 रनों का स्कोर बना पाई। इस स्कोर में सैफाली वर्मा ने 78 गेंदों पर 87 रन की पारी खेली। यह उनके वन डे केरियर का सर्वोच्च स्कोर था। लगा जैसे सैफाली को इस महत्वपूर्ण मैच में अलग जोश आ गया हो, मुंबई की हौसला अफजाई की ताकत इस महिला खिलाडी को ऊर्जा से लबरेज कर गयी। स्मृति मंधाना और सेफाली की जोड़ी ने 10 ओवर में 64 रन का स्कोर कर दिया था। रनो के टोटल 298 में दीप्ती शर्मा, स्मृति मंधाना, हरमन प्रीत, जेमिमा और रिचा घोष का योगदान रहा।
फाइनल के दबाव में दक्षिण अफ्रीका की टीम इस टोटल के 52 रन दूर रहते आल आउट हो गयी। दक्षिण अफ्रीकन कप्तान ने शतकीय पारी खेल किला लड़ाने का असफल प्रयास किया किंतु दूसरे छोर पर उनका साथ देने हेतु कोई खिलाड़ी टिक न सका फलस्वरूप भारत की टीम विश्व विजेता बनी जिसमे दीप्ती शर्मा और सैफाली की गेंद बाजी की अहम भूमिका मानी जा रही है।
भारत की विश्व विजय में प्रत्येक भारतीय खिलाडी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह विजय सामूहिक योगदान की विजय है। मुंबई में विजय के बाद जश्न भी था और भावुकता भी चरम पर थी। भारत की महिला ब्रिगेड का जलवा पूरा विश्व देख रहा था। इस विजय ने भारतीय महिलाओं की मजबूती की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। जब कभी भी भारत ने किसी भी खेल में सफलता प्राप्त कर ख़िताब पाया है उस विजय में भारत के सामूहिक प्रयास याने विविधताओं में एकता के दर्शन हुए है। मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में 2 नवम्बर की रात भारत के हर प्रांत के खिलाडी दिखाई दे रहे थै। तिरंगा जब लहरा रहा था। भारत माता की जय और वन्दे मातरम् के उदघोष से सारा वातावरण गुंजायमान था। भारत महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत जब ख़िताब लेने गयी तब उनके चेहरे पर आत्म विश्वास झलक रहा रहा था। विश्व विजेता होने का आत्मविश्वास की हम किसी से कम नहीं है। बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट के लिए खजाना खोल दिया है। भारत में महिला क्रिकेट के प्रति युवतियों में आकर्षण बढ़ेगा। दुनियाँ के हर मोर्चे पर भारतीय महिलाओं ने अपना जलवा बिखेरा है अब क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं रहा है। क्रिकेट की यह जीत दुनियाँ में भारत की महिलाओं की हुंकार है। चक दे इंडिया की गूंज दुनियाँ को साफ सुनाई दे रही है। भारत की महिला क्रिकेट टीम को बधाई। इस विश्व विजय ने भारत का मस्तक दुनियाँ के सामने ऊँचा किया है।
नरेंद्र तिवारी स्वतंत्र लेखक
7,शंकर गली मोतीबाग सेंधवा मप्र।
