नई दिल्ली। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को भोपाल का दौरा किया और विभिन्न राज्यों के लिए "वंदे भारत एक्सप्रेस" ट्रेनों का शुभारंभ किया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 10 लाख बूथ कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया और पूरे देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को शीघ्र लागू करने की वकालत की।
पीएम मोदी ने कहा, ''समान नागरिक संहिता को लेकर लोगों को भड़काया जा रहा है। वे विभाजनकारी मुस्लिम राजनीति का शिकार हो गए हैं। एक घर दो तरह के कानूनों से नहीं चल सकता। बीजेपी इस भ्रम को दूर करेगी'' प्रधानमंत्री के बयान के बाद कई विपक्षी नेता कांग्रेस समेत एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन औवेसी ने इसे मुख्य मुद्दों से भटकाव माना।
यूसीसी को लेकर चर्चा के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने देर रात आपात बैठक बुलाई। तीन घंटे की बैठक के बाद बोर्ड ने यूसीसी के प्रस्तावित कानूनों का विरोध करने का फैसला किया। वर्चुअल मीटिंग के दौरान इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और एआईएमपीएलबी के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, एआईएमपीएलबी के वकील समेत अन्य लोग मौजूद थे।
मौलाना खालिद रशीद ने कहा, "हमने एक ड्राफ्ट तैयार किया है जिसमें इस्लामिक कानूनों का जिक्र है। इसे जल्द ही लॉ कमीशन को भेजा जाएगा। हम लॉ कमीशन के सामने अपना पक्ष प्रभावी ढंग से रखेंगे। हर बार चुनाव से पहले नेता यूसीसी का मुद्दा उठाते हैं। 2024 के चुनाव से पहले इसे एक बार फिर पुनर्जीवित किया जा रहा है।”