MP NEWS, BHOPAL। शराब की दुकानों को खोलने के संबंध में नए नियम जारी किए गए हैं। नए नियमों के अनुसार शहरों में शराब की दुकान खोलने के बाद यदि कोई धार्मिक स्थल, स्कूल, या कॉलेज के 100 मीटर के दायरे में आता है तो ऐसे मामले में शराब की दुकान हटाई नहीं जाएगी। इसी तरह, राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों से अब 220 मीटर तक शराब की दुकानें खोली जा सकती हैं, लेकिन इन राजमार्गों पर शराब की दुकान दिखाई नहीं देनी चाहिए और न ही उसके संकेत बोर्ड लगाए जा सकते हैं।
वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जारी नई अधिसूचना के अनुसार, जहां आबादी 20,000 से कम हो, राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों या उनके सेवा लेनों से कम से कम 220 मीटर की दूरी पर मदिरा बिक्री की दुकान नहीं खोली जाएगी। इसके साथ ही इसमें यह भी बताया गया है कि इन मार्गों पर मदिरा की उपलब्धता बताने वाले कोई संकेत बोर्ड या विज्ञापन भी नहीं लगाए जा सकेंगे।
शराब की दुकानों के खुलने के संबंध में नए नियम जारी किए गए हैं। नए नियमों के अनुसार, शहरों में शराब दुकान खोलने के बाद यदि कोई धार्मिक स्थल, स्कूल या कॉलेज के 100 मीटर के भीतर जाता है, तो ऐसे मामलों में शराब की दुकान नहीं हटाई जाएगी। इसी तरह, शराब की दुकानें अब राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों से 220 मीटर तक के दूर तक खोली जा सकती हैं, लेकिन इन राजमार्गों पर शराब की दुकानों को न तो दिखाई देना चाहिए और न ही उनके संकेत उन राजमार्गों पर प्रदर्शित किए जा सकते हैं।
वाणिज्य कर विभाग द्वारा जारी एक नई अधिसूचना के अनुसार, जहां आबादी 20,000 से कम हो, वहां राष्ट्रीय और राज्य हाइवे या उनकी सेवा लेनों से 220 मीटर से कम दूरी पर शराब बिक्री दुकानें नहीं खोली जाएंगी। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि इन सड़कों पर शराब की उपलब्धता बताने के लिए कोई साइनबोर्ड या विज्ञापन प्रदर्शित नहीं किया जा सकता।
उत्पादन क्षमता के आधार पर होगी लाइसेंस फीस तय
इस अनुच्छेद में बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नए नियमों में आसवनी एवं बीयर एवं वाइन नियमों से संबंधित लाइसेंस फीस में बदलाव किया गया है। अब आसवनी के लिए उत्पादन क्षमता के आधार पर शुल्क लिया जाएगा। इसके अलावा, बीयर और वाइन निर्माताओं के लिए भी उत्पादन क्षमता के आधार पर लाइसेंस फीस तय की गई है। इससे पहले, आसवनी के लिए पहले 18 लाख रुपए तक का लाइसेंस फीस लिया जाता था, जो अब बदल दिया गया है।