कलेक्टर ने सेवानिवृत हुए 42 शासकीय सेवकों का साल-श्रीफल भेंट कर सम्मान और पीपीओ प्रदान किया
धीरज साहू,सीहोर। शासकीय सेवा से रिटायर होना जीवन से रिटायर होना नहीं है। सेवानिवृत्ति सक्रिय जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत है, जिसमें व्यक्ति अपने अनुभवों और ज्ञान का उपयोग समाज व नई पीढ़ी के हित में कर सकते है। यह बात कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित सेवानिवृत शासकीय सेवकों को पीपीओ वितरण एवं सम्मान समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी प्रशासन की अमूल्य पूंजी हैं। उनका अनुभव प्रशासन और समाज दोनों के लिए प्रेरणास्रोत है। कलेक्टर ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद भी व्यक्ति सामाजिक कार्य, पर्यावरण संरक्षण, जनजागरूकता और सेवा कार्यों में सक्रिय रह सकता है। कलेक्टर ने यह भी कहा कि गीता में लिखा है कि हमें कर्म करते रहना चाहिए, क्योंकि कर्म ही जीवन का सार है। उन्होंने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके दीर्घ, सफल और अनुकरणीय सेवाकाल के लिए शुभकामनाएं दीं और उनसे समाज हित के कार्यों में सक्रिय बने रहने का आग्रह किया। कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने सम्मान समारोह में विभिन्न विभागों के 42 सेवानिवृत्त हुए शासकीय सेवकों का साल-श्रीफल भेंट कर सम्मान किया और पीपीओ प्रदान किया। इस अवसर पर जिला कोषालय अधिकारी सुश्री नेहा सिंघई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
